आचार्य पंडित श्री राहुल शर्मा जी, उज्जैन

आचार्य पंडित श्री राहुल शर्मा जी का निज निवास महाकाल की नगरी उज्जैन, मध्य प्रदेश है|  पंडित श्री राहुल शर्मा जी ने वैदिक एवं ज्योतिष शास्त्र में अपनी शिक्षा उज्जैन में प्राप्त की है एवं 15 वर्षों से निरंतर अपनी समस्त शिक्षा दीक्षा द्वारा कई जन कार्यों को सफलतापूर्वक सिद्ध किए हैं और उन्हें अपने लक्ष्यों में सफल होने के लिए निर्देशित किया है | उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली कुछ सेवाओं में शामिल है श्री काल भैरव अनुष्ठान, मंगल दोष शांति पूजा, महामृत्युंजय जाप, राशिफल, भविष्यवाणियां, विवाह संस्कार ,नवग्रह शांति, वास्तु दोष शांति पूजा ,बगलामुखी अनुष्ठान आदि सभी अनुष्ठान एवं उज्जैन में पूजा के लिए संपर्क करें और तनावमुक्त जीवन का आनंद लें |

आचार्य पंडित श्री राहुल शर्मा जी, उज्जैन

आचार्य पंडित श्री राहुल शर्मा जी का निज निवास महाकाल की नगरी उज्जैन, मध्य प्रदेश है|  पंडित श्री राहुल शर्मा जी ने वैदिक एवं ज्योतिष शास्त्र में अपनी शिक्षा उज्जैन में प्राप्त की है एवं 15 वर्षों से निरंतर अपनी समस्त शिक्षा दीक्षा द्वारा कई जन कार्यों को सफलतापूर्वक सिद्ध किए हैं और उन्हें अपने लक्ष्यों में सफल होने के लिए निर्देशित किया है | उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली कुछ सेवाओं में शामिल है श्री काल भैरव अनुष्ठान, मंगल दोष शांति पूजा, महामृत्युंजय जाप, राशिफल, भविष्यवाणियां, विवाह संस्कार ,नवग्रह शांति, वास्तु दोष शांति पूजा ,बगलामुखी अनुष्ठान आदि सभी अनुष्ठान एवं उज्जैन में पूजा के लिए संपर्क करें और तनावमुक्त जीवन का आनंद लें |

 तंत्र हवन, पूजन एवं अनुष्ठान द्वारा सभी समस्याओं का सफलता पूर्वक समाधान..

माँ बगलामुखी मंदिर, नलखेड़ा

ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्व दुष्टानाम वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशाय ह्लीं ॐ स्वाहा ||

माँ बगलामुखी मंदिर की महिमा...

माँ बगलामुखी का यह मंदिर मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले के नलखेड़ा कस्बे में लखुन्दर नदी के किनारे स्थित है। यह मन्दिर तीन मुखों वाली त्रिशक्ति बगलामुखी देवी को समर्पित है। मान्यता है कि द्वापर युग से चला आ रहा यह मंदिर अत्यंत चमत्कारिक भी है। इस मन्दिर में विभिन्न राज्यों से तथा स्थानीय लोग भी एवं शैव और शाक्त मार्गी साधु-संत तांत्रिक अनुष्ठान के लिए आते रहते हैं। यहाँ बगलामुखी के अतिरिक्त माता लक्ष्मी, कृष्ण, हनुमान, भैरव तथा सरस्वती की मूर्तियां भी स्थापित हैं। कहते हैं कि इस मंदिर की स्थापना महाभारत में विजय के उद्देश्य से भगवान कृष्ण की सलाह पर युधिष्ठिर ने की थी। मान्यता यह भी है कि यहाँ की बगलामुखी प्रतिमा स्वयंभू है। प्राचीन तंत्र ग्रंथों में दस महाविद्याओं का उल्लेख है जिनमें से एक है बगलामुखी। माँ भगवती बगलामुखी का महत्व समस्त देवियों में सबसे विशिष्ट है। विश्व में इनके सिर्फ तीन ही महत्वपूर्ण प्राचीन मंदिर हैं, जिन्हें सिद्धपीठ कहा जाता है। यह मन्दिर उन्हीं में से एक बताया जाता है |

OUR SERVICES

आपकी सभी समस्याओ का समाधान पंडित श्री राहुल शर्मा जी द्वारा..

बगलामुखी हवन

वशीकरण

आकर्षण

शत्रु विनाश रोगनाश

शत्रु स्तम्भन

न्यायिक विजय

उच्चाटन

लक्ष्मी प्राप्ति

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पंडित जी को समस्त प्रकार के अनुष्ठानो का प्रयोगात्मक ज्ञान, सम्पूर्ण पूजन एवं विधि विधान की जानकारी और अनुभवों द्वारा आपके सभी दोष एवं बाधाओं के निवारण के कार्यों को करते हुए 1५ वर्षो से भी ज्यादा हो गया है |

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